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🎬 भारतीय सिनेमा का अंधेरा कोना: हॉरर फिल्मों की कहानी
अगर हिंदी सिनेमा के परदे पर गाने, रोमांस और ऐक्शन ने पीढ़ियों को मोह लिया, तो भूतिया कहानियों ने उसी परदे के अंधेरे हिस्से में डर का नया संसार गढ़ा।
1949 में कमाल अमरोही की महल से शुरू हुई रहस्यमयी महिला की गाथा को पहली “हॉरर” माइलस्टोन माना जाता है। मधुबाला का वह साया, जो दर्शकों को भ्रम और भय के बीच झुलाता था, ने हिंदी सिनेमा में “भूतिया” आकर्षण की बुनियाद रख दी।
70 के दशक में राजकुमार कोहली की जानी दुश्मन (1979) और बाद में जानी दुश्मन – एक अनोखी कहानी (2002) जैसी फिल्मों ने यह दिखाया कि “मल्टी-स्टारर हॉरर” भी सुपरहिट हो सकता है। जानी दुश्मन का “राक्षस/रूपांतरित नाग” वाला ट्रैक उतना ही लोकप्रिय हुआ जितना उसकी स्टारकास्ट।
इसी समय रामसे ब्रदर्स (शाम, तुलसी, कुमार, श्याम रामसे) ने पुराना मंदिर (1984), वीराना (1988), बंद दरवाज़ा (1990) जैसी फिल्मों से भारतीय बी-ग्रेड हॉरर सिनेमा का एक नया “ब्रांड” खड़ा कर दिया। उनकी फिल्मों में खंडहर, तहखाने, चुड़ैलें, काला जादू, और लम्बे-चौड़े राक्षस – सब कुछ मिलकर 80s–90s के दर्शकों के लिये डर और मनोरंजन का कॉम्बो बन गए।
रामसे के साथ-साथ राजकुमार कोहली ने बड़े बजट, बड़े स्टार और नाग-राक्षस जैसे मिथकीय तत्त्वों से हॉरर को “मेनस्ट्रीम” में ला खड़ा किया। यही वजह है कि जानी दुश्मन को लोग आज भी भारतीय हॉरर सिनेमा की “क्लासिक” मानते हैं।
📚 रामसे ब्रदर्स और उनका युग
1970s–1990s तक रामसे ब्रदर्स (शाम, तुलसी, कुमार, श्याम रामसे आदि) ने पुराना मंदिर (1984), वीराना (1988), तहखाना (1986), पुरानी हवेली (1989), बंद दरवाज़ा (1990) जैसी हॉरर फ़िल्में बनाकर कल्ट फॉलोइंग बनाई।
इन फ़िल्मों में डरावने महल, तहखाने, चुड़ैलें और रक्तपिपासु सामरी जैसे पात्र भारतीय दर्शकों के लिए नया अनुभव थे।
🔥 प्रमुख पुरुष कलाकार (भूत/राक्षस/खलनायक)
कलाकार | प्रसिद्ध फ़िल्में / रोल | पहचान |
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अनिरुद्ध अग्रवाल | पुराना मंदिर, बंद दरवाज़ा, सामरी, तहखाना | लम्बे, भयानक चेहरे वाले ‘सामरी’ के रोल से मशहूर |
शमसुद्दीन | दुश्मनी, डरावना घर आदि कई रामसे फ़िल्में | चौड़ी-लम्बी कद-काठी; राक्षस व खलनायक के रोल |
मणिक ईरानी | तहखाना, पुराना मंदिर | डरावने/खलनायक किरदार; कई बार ‘किलर’ या ‘भूत’ |
प्रीम नाथ/जगदीश राज जैसे कैरेक्टर आर्टिस्ट | डरावनी रातें | कभी-कभी रहस्यमयी भूमिकाएं |
नरेंद्र नाथ/राकेश बेदी (कौमिक-हॉरर) | डर जैसी हल्की हॉरर-थ्रिलर | कॉमिक + रहस्यमय मिश्रण |
अमरीश पुरी (खास हॉरर रोल) | कोई साता नाहिन, गूंज उठी शहनाई | तांत्रिक/काला जादू के रोल भी किये |
🌙 महिला कलाकार (चुड़ैल/प्रेत/रहस्यमयी)
अभिनेत्री | प्रसिद्ध फ़िल्में / रोल | पहचान |
---|---|---|
मधुबाला | महल (1949) | रहस्यमय महिला; भारतीय हॉरर की शुरुआत |
जैस्मीन धुन्ना | वीराना (1988) | चुड़ैल का मुख्य रोल; कल्ट आइकन |
रूपा मेनन | पुरानी हवेली, सामरी | डरावने हाव-भाव वाली चुड़ैल |
नाजरीन/नाजरीन डलानी | तहखाना, बंद दरवाज़ा | अजीबोगरीब नकारात्मक महिला किरदार |
हंसराज बेहरी/रीमा लागू | कभी-कभी रहस्यमय या प्रेत आत्मा जैसी भूमिकाएं | |
कुंती देवी/शोभा खोटे (साइड रोल) | चुड़ैल या आत्मा के रूप में छोटी भूमिकाएं |
🗂️ फ़िल्मवार चार्ट (साल, फ़िल्म, कलाकार, रोल)
साल | फ़िल्म | प्रमुख डरावना कलाकार | उनका किरदार / हाइलाइट |
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1949 | महल | मधुबाला | रहस्यमयी महिला; जिसे आत्मा समझा गया |
1972 | दो गज़ ज़मीन के नीचे | दलजीत कोहली, ललिता पवार | शुरुआती हॉरर में तांत्रिक/प्रेत |
1984 | पुराना मंदिर | अनिरुद्ध अग्रवाल | ‘सामरी’ – रक्तपिपासु राक्षस |
1986 | तहखाना | मणिक ईरानी, नाजरीन | भूत + तांत्रिक चुड़ैल जैसे किरदार |
1988 | वीराना | जैस्मीन धुन्ना, शमसुद्दीन | ‘चुड़ैल’ का मुख्य रोल; लंबी कदकाठी वाला भूतिया सहायक |
1989 | पुरानी हवेली | अनिरुद्ध अग्रवाल, रूपा मेनन | प्रेतात्मा, खलनायक |
1990 | बंद दरवाज़ा | अनिरुद्ध अग्रवाल, नाजरीन | राक्षस ‘वैरसा’; काला जादू करने वाली महिला |
1991 | हवेली | शमसुद्दीन, नाजरीन | सामूहिक चुड़ैल-तांत्रिक किरदार |
1992 | चुड़ैल | नाजरीन, रूपा मेनन | चुड़ैल के क्लोजअप डरावने सीन |
1993 | ज़हरा | अनिरुद्ध अग्रवाल | भूतिया डॉक्टर / तांत्रिक |
🌟 प्रमुख चेहरे – स्पॉटलाइट सेक्शन
🧟♂️ अनिरुद्ध अग्रवाल
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इंजीनियरिंग छोड़कर फिल्मों में आए
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6 फुट से ज्यादा लंबाई और अजीब चेहरा; रामसे ब्रदर्स के ‘सामरी’ बनकर अमर हुए
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पुराना मंदिर, बंद दरवाज़ा, पुरानी हवेली, सामरी
🧟 शमसुद्दीन
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लंबी और चौड़ी कद-काठी
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रामसे फिल्मों में ‘राक्षस’, ‘भूतिया नौकर’ या ‘तांत्रिक’
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अक्सर बिना मेकअप के भी डरावना स्क्रीन प्रेज़ेंस
🧟 मणिक ईरानी
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तहखाना, पुराना मंदिर
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छोटे-छोटे डरावने और क्रूर हत्यारे के रोल
👻 जैस्मीन धुन्ना
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वीराना (1988) की चुड़ैल; आज भी सोशल मीडिया पर चर्चा
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बाद में फिल्मों से गायब हो गईं, जिससे रहस्य और बढ़ गया
👻 रूपा मेनन / नाजरीन
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रामसे हॉरर की स्थायी ‘चुड़ैल’ या ‘तांत्रिक’
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भयानक मेकअप और हाव-भाव के लिए याद की जाती हैं
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